January 2019 - Best Love Story

etihasik kahaniya only

Tuesday, 29 January 2019

थोडा मुस्कुरा लीजिये

January 29, 2019 0
थोडा मुस्कुरा लीजिये
थोडा मुस्कुरा लीजिये दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल। दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। माता-पिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करें। एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। पड़ोसन ने...

एक अदद घोटाला

January 29, 2019 0
एक अदद घोटाला
एक अदद घोटाला सदा की भाँति श्रीमती जी ने चाय का कप और अख़बार एक साथ थमाया। फिर, ख़ुद पास आकर बैठ गईं। चाय को मेज़ पर रख, मैंने अखबार को खोला। मुख्यपृष्ठ पर प्रकाशित एक ख़बर को पढ़कर चित्त उदास हो गया। दीर्घ निश्वास छोड़ी मैंने। पत्नी ने शंकित स्वर में पूछा, ‘‘क्या हुआ ? तबीयत तो ठीक है ?’’ मैंने उस सचित्र समाचार की ओर संकेत किया। पत्नी ने ख़बर की तरफ़...

Friday, 25 January 2019

चालाक महिला

January 25, 2019 0
चालाक महिला
चालाक महिला एक दिन एक औरत गोल्फ खेल रही थी| जब उसने बॉल को हिट किया तो वह जंगल में चली गई| जब वह बॉल को खोजने गई तो उसे एक मेंढक मिला जो जाल में फंसा हुआ था| मेंढक ने उससे कहा - "अगर तुम मुझे इससे आजाद कर दोगी तो मैं तुम्हें तीन वरदान दूँगा| "महिला ने उसे आजाद कर दिया मेंढक ने कहा - "धन्यवाद, लेकिन तीन वरदानों में मेरी एक शर्त है जो भी तुम माँगोगी...

Wednesday, 23 January 2019

धर्म का मर्म और

January 23, 2019 0
धर्म का मर्म और
धर्म का मर्म एक साधु शिष्यों के साथ कुम्भ के मेले में भ्रमण कर रहे थे। एक स्थान पर उनने एक बाबा को माला फेरते देखा। लेकिन वह बाबा माला फेरते- फेरते बार- बार आँखें खोलकर देख लेते कि लोगों ने कितना दान दिया है। साधु हँसे व आगे बढ़ गए। आगे एक पंडित जी भागवत कह रहे थे, पर उनका चेहरा यंत्रवत था। शब्द भी भावों से कोई संगति नहीं खा रहे थे, चेलों की जमात बैठी...

Saturday, 12 January 2019

जब कवियों ने मनाई मित्र राजा की रूठी प्रेयसी

January 12, 2019 0
जब कवियों ने मनाई मित्र राजा की रूठी प्रेयसी
जब कवियों ने मनाई मित्र राजा की रूठी प्रेयसी जोधपुर के राजा मानसिंह को इतिहास में शासक के रूप में कठोर, निर्दयी, अत्यंत क्रूर और कूटनीतिज्ञ माना जाता है पर साथ ही उनके व्यक्तित्त्व का एक दूसरा रूप भी था वे भक्त, कवि, कलाकार, उच्च कोटि के साहित्यकार, कला पारखी व कलाकारों, साहित्यकारों, कवियों को संरक्षण देने वाले दानी व दयालु व्यक्ति भी थे। उनके...

Wednesday, 9 January 2019

प्रसिद्ध प्रेम कहानी ढोला-मारू Part1

January 09, 2019 0
 प्रसिद्ध प्रेम कहानी ढोला-मारू Part1
प्रसिद्ध प्रेम कहानी ढोला-मारू राजस्थान की मिट्टी वीरो के शौर्य और बलिदान के लिए मशहूर है। यहां के योद्धाओं की गाथाएं आज भी बड़े गर्व से सुनाई जाती हैं। केवल वीरों की गाथाएं नहीं हैं बल्कि उनकी कई की वसुंधरा पर कई प्रेम कहानियां भी हैं, जो आज भी बहुत प्रचलित हैं। यहां कभी एक वेश्या ने अपने प्रेम के लिए पूरी सल्तनत को चुनौती दी तो कभी एक दासी के...

Tuesday, 8 January 2019

महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी

January 08, 2019 0
 महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी
महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी गुजरात का हमीर जाडेजा अपनी ससुराल अमरकोट (सिंध) आया हुआ था । उसका विवाह अमरकोट के राणा वीसलदे सोढा की पुत्री से हुआ था ।  राणा वीसलदे का पुत्र महिंद्रा व हमीर हमउम्र थे इसलिए दोनों में खूब जमती थी साथ खेलते,खाते,पीते,शिकार करते और मौज करते । एक दिन दोनों शिकार करते समय एक हिरण का पीछा करते करते दूर लोद्र्वा राज्य...

Sunday, 6 January 2019

रूपमती से हुआ था अकबर को प्रेम

January 06, 2019 0
रूपमती से हुआ था अकबर को प्रेम
रूपमती से हुआ था अकबर को प्रेम मांडू की रानी और सुल्तान बाज बहादुर की बेगम रूपमती से अकबर को प्रेम हो गया था। रानी रूपमती को पाने के लिए अकबर ने एक साजिश के तहत सुल्तान बाज बहादुर पर ने सिर्फ हमला करवाया था, बल्कि उन्हें बंदी भी बना लिया था और रानी को अपने पति से अलग करना चाहा था।  इस बात से दुखी रानी रूपमती ने विष पीकर अपनी जान दे दी थी।स...

Saturday, 5 January 2019

तमन्ना की कहानियाँ Part 8

January 05, 2019 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 8
तमन्ना की कहानियाँ क़ासिम ने अकड़कर कहा-आप दिल्ली जायें ही क्यों! हम सबुह होते-होते भरतपुर पहुँच सकते हैं। शहजादी–मगर हिन्दोस्तान के बाहर तो नहीं जा सकते। दिल्ली की आंख का कांटा  बनकर मुमकिन है हम जंगलों और वीरानों में जिन्दगी के दिन काटें पर चैन नसीब न होगा।  असलियत की तरफ से आंखे न बन्द की जिए, खुदा न आपकी बहादुरी दी है, पर तेगे इस्फ़हानी...

Friday, 4 January 2019

तमन्ना की कहानियाँ Part 7

January 04, 2019 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 7
तमन्ना की कहानियाँ क़ासिम पर एक बेसुधी की सी हालत छा गयी। जैसे आत्मा का गीत सुनने के बाद किसी योगी की होती है। उसे सपने में भी जो उम्मीद न हो सकती थी, वह पूरी हो गयी थी। गर्व से उसकी गर्दन की रगें तन गयीं, उसे मालूम हुआ कि दुनिया में मुझसे ज्यादा भाग्यशाली दूसरा  नहीं है।  मैं चाहूँ तो इस रूप की वाटिका की बहार लूट सकता हूँ, इस  प्याले से...

Thursday, 3 January 2019

तमन्ना की कहानियाँ Part 6

January 03, 2019 0
तमन्ना की कहानियाँ  Part 6
तमन्नाकी कहानियाँ लेकिन वह वासना बन्दी वहां से हिला नहीं। उसकी आरजुओं ने एक कदम और आगे बढाया। मेरी इस रामकहानी का हासिल क्या? अगर सिर्फ़ दर्दे दिल ही सुनाना था, तो किसी तसवीर को, सुना सकता था।  वह तसवीर इससे ज्यादा ध्यान से और ख़ामाशी से मेरे ग़म की दास्तान सुनती। काश, मैं भी इस रूप की रानी की मिठी आवाज सुनता, वह भी मुझसे कुछ अपने दिल का हाल कहती,...

Wednesday, 2 January 2019

तमन्ना की कहानियाँ Part 5

January 02, 2019 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 5
तमन्ना की कहानियाँ क़ासिम आध घंटे तक उस रूप की रानी के पैरो के पास सर झुकाये सोचता रहा कि उसे कैसे जगाऊँ। ज्यों ही वह करवट बदलती वह ड़र के मारे थरथरा जाता। वह बहादुरी जिसने मुलतान को जीता था, उसका साथ छोड़े देती थी। एकाएक कसिम की निगाह एक सुनहरे गुलाबपोश पर पड़ी जो करीब ही एक चौकी पर रखा हुआ था। उसने गुलाबपोश उठा लिया और खड़ा सोचता रहा कि शहज़ादी...

Tuesday, 1 January 2019

महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी Part2

January 01, 2019 0
महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी Part2
महिंद्रा-मूमल प्रेम कहानी महेन्द्रा अमरकोट पहुँच वहां उसका दिन तो किसी तरह कट जाता पर शाम होते ही उसे मूमल ही मूमल नजर आने लगती वह जितना अपने मन को समझाने की कोशिश करता उतनी ही मूमल की यादें और बढ़ जाती । वह तो यही सोचता कि कैसे लोद्र्वे पहुँच कर मूमल से मिला जाय । आखिर उसे सुझा कि अपने ऊँटो के टोले में एसा ऊंट खोजा जाय जो रातों रात लोद्र्वे जाकर...

पहली पुतली रत्नमंजरी की कहानी Part 2

January 01, 2019 0
   पहली पुतली रत्नमंजरी की कहानी    Part 2
   पहली पुतली रत्नमंजरी की कहानी    अगले दिन जैसे ही राजा भोज ने सिंहासन पर बैठना चाहा तो दूसरी पुतली बोली- जो राजा विक्रमादित्य जैसा गुणी हो, पराक्रमी हो, यशस्वी हो वही बैठ सकता है इस सिंहासन पर। राजा ने पूछा, 'विक्रमादित्य में क्या गुण थे?'पुतली चित्रलेखा ने कहा, 'सुनो।' एक बार राजा विक्रमादित्य की इच्छा योग साधने की हुई। अपना...

पहली पुतली रत्नमंजरी की कहानी Part 1

January 01, 2019 0
   पहली पुतली रत्नमंजरी की कहानी    Part 1
अंबावती में एक राजा राज्य करता था अंबावती में एक राजा राज्य करता था। वह बड़ा दानी था। उसी राज्य में धर्मसेन नाम का एक और बड़ा राजा हुआ। उसकी चार रानियां थी। एक थी ब्राह्मण, दूसरी क्षत्रिय, तीसरी वैश्य और चौथी शूद्र। ब्राह्मणी से एक पुत्र हुआ, जिसका नाम ब्राह्मणीत रखा गया। क्षत्राणी से तीन बेटे हुए। एक का नाम शंख, दूसरे का नाम विक्रमादित्य और तीसरे का...
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