2018 - Best Love Story

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Friday, 28 December 2018

तमन्ना की कहानियाँ Part 4

December 28, 2018 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 4
तमन्नाकी कहानियाँ क़ासिम दबे पांव शहज़ादी के खेमे के पास आया, हालांकि दबे पांव आने की जरूरत न थी। उस सन्नाटे में वह दौड़ता हुआ चलता तो भी किसी को खबर न होती। उसने ख़ेमे से कान लगाकर सुना, किसी की आहट न मिली। इत्मीनान हो गया।  तब उसने कमर से चाकू निकाला और कांपते हुए हाथों से खेमे की दो-तीन रस्सियां काट डालीं। अन्दर जाने का रास्ता निकल आया।...

तमन्ना की कहानियाँ Part 3

December 28, 2018 0
तमन्ना की कहानियाँ  Part 3
तमन्ना की कहानियाँ कासिम उत्सुकता से व्यग्र होकर कभी लेटता था, कभी उठ बैठता था, कभी टहलने लगता था।  बार-बार दरवाजे पर आकर देखता, लेकिन पांचों ख्व़ाजासरा देंवों की तरह खडें नजर आते थे। क़ासिम को इस वक्त यही धुन थी कि शाहजादी का दर्शन क्योंकर हो।  अंजाम की फ़िक्र, बदनामी का डर और शाही गुस्से का ख़तरा उस पुरज़ोर ख्वाहिश के नीचे दब गया था। घड़ियाल...

Thursday, 27 December 2018

तमन्ना की कहानियाँ Part 2

December 27, 2018 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 2
तमन्ना की कहानियाँ आधी रात गुजर चुकी थी, लश्कर के आदमी मीटी नींद सो रहे थे। चारों तरफ़ मशालें जलती थीं और तिलासे के जवान जगह-जगह बैठे जम्हाइयां लेते थे। लेकिन क़ासिम की आंखों में नींद न थी। वह अपने लम्बे-चौड़े  पुरलुत्फ़ ख़ेमे में बैठा हुआ सोच रहा था—क्या इस जवान औरत को एक नजर देख लेना  कोई  बड़ा गुनाह है? माना कि  वह मुलतान के...

तमन्ना की कहानियाँ Part 1

December 27, 2018 0
तमन्ना की कहानियाँ Part 1
तमन्ना की कहानियाँ बहादुर, भाग्यशाली क़ासिम मुलतान की लड़ाई जीतकर घमंउ के नशे से चूर चला आता था।  शाम हो गयी थी, लश्कर के लोग आरामगाह की तलाश मे नज़रें दौड़ाते थे, लेकिन क़ासिम को अपने नामदार मालिक की ख़िदमत में पहुंचन का शौक उड़ाये लिये आता था। उन तैयारियों का ख़याल करके जो उसके स्वागत के लिए दिल्ली में की गयी होंगी, उसका दिल उमंगो से भरपूर...

राव मालदेव - दासी भारमली Part2

December 27, 2018 0
राव मालदेव - दासी भारमली Part2
राव मालदेव - दासी भारमली बारहट जी (कवि आशानन्द जी) ने अपने मन में अपने कहे गए शब्दों पर विचार किया और बहुत पछताए भी लेकिन वे शब्द वापस कैसे लिए जा सकते थे । आपने जोधपुर की रूठी रानी के बारे में पढ़ते हुए उसकी दासी भारमली का नाम भी पढ़ा होगा ।  जैसलमेर की राजकुमारी उमादे जो इतिहास में रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध है अपनी इसी रूपवती दासी भारमली...

Tuesday, 25 December 2018

बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा Part2

December 25, 2018 0
बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा Part2
बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा इस चित्र की सर्वत्र बहुत प्रसंशा हुई और उसके बाद दासी का नाम बणी-ठणी पड़ गया। सब उसे बणी-ठणी के नाम से ही संबोधित करने लगे। चितेरे राजा के अलावा उनके चित्रकार को भी अपनी चित्रकला के हर विषय में राजा की प्रिय दासी बणी-ठणी ही आदर्श मोडल नजर आने लगी और उसने बणी-ठणी के ढेरों चित्र बनाये। जो बहुत प्रसिद्ध हुए और इस तरह किशनगढ़...

बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा Part1

December 25, 2018 0
बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा Part1
बणी-ठणी राजस्थान की मोनालिसा राजस्थान के इतिहास में राजा-रानियों आदि ने ही नहीं बल्कि तत्कालीन शाही परिवारों की दासियों ने भी अपने अच्छे बुरे कार्यों से प्रसिद्धि पायी है। जयपुर की एक दासी रूपा ने राज्य के तत्कालीन राजनैतिक झगडों में अपने कुटिल षड्यंत्रों के जरिये राजद्रोह जैसे घिनोने, लज्जाजनक और निम्नकोटि के कार्य कर इतिहास में कुख्याति अर्जित की...

चौबोली की प्रेम कहानी Part3

December 25, 2018 0
चौबोली की प्रेम कहानी Part3
चौबोली की प्रेम कहानी समय के साथ दोनों मित्र बड़े हुए तो साहूकार ने अपने बेटे का विवाह कर दिया। साहूकार की बहु घर आ गयी। सुहाग रात का समय, बहु रमझम करती, सोलह श्रृंगार किये अपने शयन कक्ष में घुसी, आगे देखा साहूकार का बेटा उसका पति मुंह लटकाए उदास बैठा था। साहूकारनी बड़ी चतुर थी अपने पति की यह हालत देख बड़े प्यार से हाथ जोड़कर बोली-  क्या बात नाथ...

चौबोली की प्रेम कहानी Part2

December 25, 2018 0
चौबोली की प्रेम कहानी Part2
चौबोली की प्रेम कहानी आखिर दोनों मित्र साहूकार के बेटे की ससुराल चल दिए।रास्ते में राजा का बेटा तो बड़ी मस्ती से व मजाक करता चल रहा था और साहूकार का बेटा बड़ी चिंता में चल रहा था पता नहीं ससुराल वाले कुंवर की कैसी खातिर करेंगे यदि कोई कमी रह गयी तो कुंवर क्या सोचेगा आदि आदि। चलते चलते रास्ते में एक देवी का मंदिर आया। जिसके बारे में ऐसी मान्यता थी कि वहां...

चौबोली की प्रेम कहानी Part1

December 25, 2018 0
चौबोली की प्रेम कहानी Part1
चौबोली की प्रेम कहानी एक दिन राजा विक्रमादित्य और उसकी एक रानी के साथ थोड़ी बहस हो गयी रानी कहने लगी- मैं रूठ गयी तो आपको मेरे जैसी रूपवती व गुणवान पत्नी कहाँ मिलेगी ? राजा बोला-  मैं तो तेरे से भी सुन्दर व गुणवान ऐसी पत्नी ला सकता हूँ जिसका तूं तो किसी तरह से मुकाबला ही नहीं कर सकती। रानी बोली- यदि ऐसे ही बोल बोल रहे है तो फिर चौबोली को परण कर लाओ...

राव मालदेव - दासी भारमली

December 25, 2018 0
राव मालदेव - दासी भारमली
राव मालदेव - दासी भारमली मेड़ता के राव विरमदेव और राव जयमल के बारे में पढ़ते हुए आपने जोधपुर के शासक राव मालदेव के बारे में जरुर पढ़ा होगा । राव मालदेव अपने समय के राजपुताना के सर्वाधिक शक्तिशाली शासक थे वे बहुत शूरवीर व धुनी व्यक्ति थे उन्होंने जोधपुर राज्य की सीमाओं का काफी विस्तार किया था उनकी सेना में राव जैता व कुंपा नामक शूरवीर सेनापति थे । यदि...

चितौड़ की रानी कर्मवती

December 25, 2018 0
चितौड़ की रानी कर्मवती
चितौड़ की रानी कर्मवती सभी राजपूत रियासतों को एक झंडे के नीचे लाने वाले महाराणा सांगा  के निधन के बाद चितौड़ की गद्दी पर महाराणा रतन सिंह बैठे। राणा रतन सिंह के निधन के बाद उनके भाई विक्रमादित्य चितौड़ के महाराणा बने। विक्रमादित्य ने अपनी सेना में सात हजार पहलवान भर्ती किये। इन्हें जानवरों की लड़ाई, कुश्ती, आखेट और आमोद प्रमोद ही प्रिय था। इन्हीं कारणों...

रूपमती और बाज बहादुर की प्रेमकथा

December 25, 2018 0
रूपमती और बाज बहादुर की प्रेमकथा
रूपमती और बाज बहादुर की प्रेमकथा इतिहास के पन्नों में राजा और रानी के प्रेम की कई कहानियां है पर कुछ प्रेम कहानियां ऐसी हैं जिन्हें पढ़ने के बाद लोग हैरत में आ जाते हैं। मांडू (माण्डवगढ़) मध्यप्रदेश का एक ऐसा पर्यटनस्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। कहने को लोग मांडू को खंडहरों का गांव भी कहते हैं परंतु इन खंडहरों...

सोहणी और महिवाल की प्रेम कहानी

December 25, 2018 0
सोहणी और महिवाल की प्रेम कहानी
सोहणी और महिवाल की प्रेम कहानी पंजाब की ही धरती पर उगी एक प्रेम कथा है सोहनी-महिवाल की। सिंधु नदी के तट पर रहने वाले कुम्हार तुला की बेटी थी सोहनी। वह कुम्हार द्वारा बनाए गए बर्तनों पर सुंदर चित्रकारी करती थी। उजबेकिस्तान स्थित बुखारा का धनी व्यापारी इज्जत बेग व्यापार के सिलसिले में भारत आया। सोहनी से मिलने पर वह उसके सौंदर्य पर मोहित हो उठा।  सोहनी...

पृथ्वीराज और संयोगिता की प्रेम कहानी

December 25, 2018 0
पृथ्वीराज और संयोगिता की प्रेम कहानी
पृथ्वीराज और संयोगिता की प्रेम कहानी अजमेर के राजा सोमेश्वर और रानी कर्पूरी देवी के यहाँ सन 1149 में एक पुत्र पैदा हुआ। जो आगे चलकर भारतीय इतिहास में महान हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसे दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक के रूप मे भी जाना जाता है। संयोंगिता कन्नौज के राजा जयचंद की पुत्री थी। वह बड़ी ही सुन्दर थी। उसने पृथ्वीराज की...

Sunday, 7 October 2018

लैला-मजनूं की प्रेम कहानी

October 07, 2018 0
लैला-मजनूं की प्रेम कहानी
लैला-मजनूं की प्रेम कहानी लैला राज घराने से संबध रखती थी वो बहुत सुंदर थी। मजनू ने जब पहली बार उसे देखा तो वो उससे प्यार करने लगा। वो उसकी खूबसूरती पर मरता था। एक दिन वो उससे मिलने उसके महल पंहुचा । वहां जा कर वो उसके कमरे में गया और अपने जेब से पायल निकलकर उसके खूबसूरत पैरों में पहना दी उसके बाद उसने उन पैरों को अपने होठों से चूमा। जब वो दूसरी...
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