रूपमती और बाज बहादुर की प्रेमकथा
इतिहास के पन्नों में राजा और रानी के प्रेम की कई कहानियां है पर कुछ प्रेम कहानियां ऐसी हैं जिन्हें पढ़ने के बाद लोग हैरत में आ जाते हैं। मांडू (माण्डवगढ़) मध्यप्रदेश का एक ऐसा पर्यटनस्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है।
कहने को लोग मांडू को खंडहरों का गांव भी कहते हैं परंतु इन खंडहरों के पत्थर भी बोलते हैं और सुनाते हैं हमें इतिहास की अमर गाथा। ऐसी ही एक कहानी है रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी। रूपमती किसान पुत्री थीं। वह एक अच्छी गायिका भी थीं। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे।
सुल्तान बाज बहादुर उनसे बहुत प्रेम करते थे और वो रानी रूपमती के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। रूपमती की आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए।
सुल्तान बाज बहादुर ने रानी रूपमती के लिए एक किला भी बनवाया था जो आज तक राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार का साक्षी है। रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे।
लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुग़ल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया।
इतिहास के पन्नों में राजा और रानी के प्रेम की कई कहानियां है पर कुछ प्रेम कहानियां ऐसी हैं जिन्हें पढ़ने के बाद लोग हैरत में आ जाते हैं। मांडू (माण्डवगढ़) मध्यप्रदेश का एक ऐसा पर्यटनस्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है।
कहने को लोग मांडू को खंडहरों का गांव भी कहते हैं परंतु इन खंडहरों के पत्थर भी बोलते हैं और सुनाते हैं हमें इतिहास की अमर गाथा। ऐसी ही एक कहानी है रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी। रूपमती किसान पुत्री थीं। वह एक अच्छी गायिका भी थीं। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे।
सुल्तान बाज बहादुर उनसे बहुत प्रेम करते थे और वो रानी रूपमती के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। रूपमती की आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए।
सुल्तान बाज बहादुर ने रानी रूपमती के लिए एक किला भी बनवाया था जो आज तक राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार का साक्षी है। रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे।
लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुग़ल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया।
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